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Computer Virus क्या हैं ? Types of Computer Virus in hindi

Computer Virus & Types of Virus in hindi ::-

Computer Virus  एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो किसी तरीके से या किसी माध्यम से हमारे कंप्यूटर में प्रवेश करता है और हमारे कंप्यूटर के डाटा फाइल्स को नुकसान पहुंचाता है कई बार यह हमारे हार्ड डिस्क ड्राइव को भी नष्ट कर देता है।


तो चलिए शुरू करते हैं कि कंप्यूटर वायरस क्या होता है इसके क्या क्या लक्षण है और इसे कैसे बचा जा सकता है और यह कितने टाइप्स के होते हैं

What is Computer Virus in hindi ? कंप्यूटर वायरस क्या हैं ?

कंप्यूटर वायरस एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो किसी तरीके से या किसी न किसी माध्यम से हमारे कंप्यूटर में प्रवेश करता है और हमारी डाटा कामा फाइल, महत्वपूर्ण डाटा को नष्ट कर देता है यह डाटा चोरी करता है और कभी-कभी हमारे कंप्यूटर के हार्ड डिस्क को भी नुकसान पहुंचा देता है
वायरस से कंप्यूटर की स्पीड कम होने लगती है और कंप्यूटर धीमे-धीमे हैंग करने लगता है

Full Form of Virus :- (Vital Information Resources Under Siege)
वाइटल इनफॉरमेशन रिसोर्स अंडर सीज़

Types of Computer Virus कंप्यूटर वायरस के प्रकार :-

1- Boot Sector Virus :

बूट सेक्टर वायरस एक प्रकार का वायरस है जो स्टोरेज डिवाइस के मास्टर बूट रिकॉर्ड(MBR) को इनफेक्ट करता है स्टार्टअप के दौरान वायरस कंप्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाता है यह सिस्टम द्वारा उपयोग किए जाने वाले डिस्क को संक्रमित करता है  ऐसे वायरस कंप्यूटर सिस्टम में removable media द्वारा आते हैं

2-Stealth Virus :

गुप्त वायरस जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है किया वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर कर यूजर से अपनी पहचान को छुपाते हैं ऐसे वायरस खुद को एंटीवायरस से छिपाने का हर संभव प्रयास करते हैं इसीलिए यह बार-बार अलग अलग नाम से कंप्यूटर में प्रवेश कर कर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं

3-Macro Virus :

मैक्रो वायरस विशेष रूप से कुछ विशेष प्रकार की फाइलों को ही नुकसान पहुंचाते हैं यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस यानी वर्ड डॉक्यूमेंट, स्प्रेडशीट, पावर पॉइंट जैसी फाइलों को नुकसान पहुंचाते हैं

4-Direct Action Virus :

यह वायरस एक बार install हो गया तो यह कंप्यूटर की मेमोरी में छुप कर रहते हैं यह वायरस Hard Drive की Root Directory में होते है जिस file को infect करते हैं उनके साथ जुड़ जाते हैं इसे Non-Resident Virus (नॉन रेजिडेंट वायरस) भी कहते हैं

5-Polymorphic Virus :

यह वायरस अपने आपको बार-बार बदलने की क्षमता रखता है ताकि प्रत्येक संक्रमण वास्तविक संक्रमण से बिल्कुल अलग दिखे । यह वायरस कंप्यूटर सिस्टम को अलग-अलग माध्यम से नुकसान पहुंचाता है इस तरह के वायरस का उपयोग Cyber criminals करते हैं ऐसे वायरस को पहचानना बहुत मुश्किल होता है ब्रूट फोर्स प्रोग्राम का उपयोग करके Polymorphic Virus को scan किया जाता है

6-Resident Virus :

यह वायरस कंप्यूटर की RAM Memory में प्रवेश करके उन्हें प्रभावित करता है इस virus के अटैक से कंप्यूटर सिस्टम में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जैसे सिस्टम को ऑपरेट करना, system को shut-down करना, किसी Data को copy-paste करना इत्यादि कभी-कभी या वायरस एंटीवायरस के साथ भी जुड़ जाते हैं

7-Partition Table Virus :

इस वायरस के कंप्यूटर के डाटा को कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन यह वायरस कंप्यूटर के हार्ड डिस्क के पार्टीशन टेबल को हानि पहुंचाता है यह हार्ड डिस्क के मास्टर बूट रिकॉर्ड को इनफेक्ट करता है तथा RAM की क्षमता को कम कर सकता है यह डिस्क के इनपुट/आउटपुट नियंत्रक प्रोग्राम में त्रुटि उत्पन्न करता है

8-Browser Highjack Virus :

इस वायरस से हमारा सिस्टम slow चलने लगता है यदि कंप्यूटर सिस्टम में यह वायरस है तो यह हमारे data, files आदि को नुकसान पहुंचाता है Internet के जरिए यह वायरस आसानी से हमारे computer system में आ जाता है

9-File Infectors Virus :

आजकल कंप्यूटर सिस्टम में ज्यादातर File Infectors Virus होते हैं क्योंकि यह वायरस डायरेक्ट रनिंग की फाइल पर असर करता है और data, files को हानि पहुंचाता है यह  .bin files, .exe files के साथ जुडे़ होते हैं।

10-Overwrite Virus :

Overwrite Virus एक Malicious Program होता है जो सिस्टम की मेमोरी में डाटा को ओवरराइट कर सभी फाइल्स को हानि पहुंचाता है तथा साथ ही ओरिजिनल प्रोग्राम से files को डिलीट कर देता है इसे सिस्टम मेमोरी से हटाने के लिए infected files को डिलीट करना पड़ता है

आपने मैलवेयर का नाम तो सुना ही होगा सभी प्रकार के कंप्यूटर वायरस को मैलवेयर ही कहते हैं लेकिन आमतौर पर इनके अर्थ अलग-अलग हैं इस प्रकार मैलवेयर और वायरस के बीच में अंतर को जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों शब्द तकनीकी रूप से एक दूसरे से भिन्न है

एक प्रकार का मालिसियस सॉफ्टवेयर है जो होस्ट कंप्यूटर को इनफेक्टेड करने का इरादा रखता है जबकि वायरस एक प्रकार का मैलवेयर है या फाइलों को संदर्भित करता है और फिर एक डिवाइस के माध्यम से फैलता है जब भी फाइल या प्रोग्राम एग्जीक्यूट होता है

Full Form of Malware :- (Malicious Software) मालिसियस सॉफ्टवेयर

Main difference between malware and virus (मैलवेयर और वायरस में मुख्य अंतर)-

मैलवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर सिस्टम में अनऑथराइज्ड एक्सेस प्राप्त करने के लिए डिजाइन किया जाता है आमतौर पर यह किसी थर्ड पार्टी के लाभ के लिए बनाया जाता है

वायरस एक कोड है जो खुद को विभिन्न फाइलों और प्रोग्राम्स में अटैच करता है और यार डिवाइस और फाइलों को करप्ट कर देता है

Types of Malware (Malware के प्रकार) :- 

Malware कई प्रकार के पाए जाते हैं जिनमें से कुछ पॉपुलर Trojons Horse, Computer Warms, Spyware सामिल हैं मैलवेयर निम्न प्रकार के हैं 

1-Computer Warms :-

यह एक प्रकार का मालिसियस प्रोग्राम है इस प्रकार के मैलवेयर एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम पर जाने के लिए network का इस्तेमाल करते हैं जैसे USB Drive, Media Storage, Hard Drive या E-mail इत्यादि यह कंप्यूटर में तीव्र गति से फैलते हैं और कंप्यूटर में जाते ही सक्रिय हो जाते हैं यह कंप्यूटर में मौजूद डाटा फाइलों को डिलीट कर देता है तथा RAM (Random Access Memory ) को घेरकर कंप्यूटर की स्पीड को धीमा कर देता है जिस कारण कंप्यूटर हैंग होने लगता है

2-Torjons Horse :-

Torjons Horse भी एक तरीके का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो शुरुआत में एक useful और secure सॉफ्टवेयर होने का दावा करता है जब आप इसे अपने कंप्यूटर में प्रयोग करते हैं तो यह आपके कंप्यूटर में filesऔर Hard Disk Storage को हानि पहुचाता है तथा कंप्यूटर की व्यक्तिगत जानकारी गलत लोगों तक पहुंचाता है अधिकांश ऐसे मैलवेयर ज्यादातर बिना Anti-virus के Internet इस्तेमाल करने और Internet से Free anti-virus software use करने के माध्यम से आते हैं

3-Spyware :-

Sypware भी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ता की गैर-जानकारी में कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके उनके बारे में सूचना एकत्र करने के लिए प्रयोग किया जाता है  कंप्यूटर में Sypware की उपस्थिति उपयोगकर्ताओं से छिपी होती है ताकि गुप्त रूप से अन्य उपयोगकर्ता की जानकारी मिल सके Sypware आपके द्वारा हुए इंटरनेट सर्फिंग की गतिविधियों पर नजर रखता है और आपके web browser पर कोई वेबसाइट URL खोलने पर या किसी अलग इनफेक्टेड website पर भी redirect  कर सकता है

4-Adware :-

Adware भी एक सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन या प्रोग्राम है यह आपके कंप्यूटर पर बिना जरूरत के विज्ञापन बैनर दिखाता है यह विज्ञापन पॉपअप-विंडो, बैनर डिस्प्ले, वीडियो डिस्प्ले या फुल स्क्रीन डिस्पले द्वारा किसी वेबसाइट या सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के यूजर इंटरफेस पर दिखाई देता है यह भी स्पाइवेयर के समान ही होता है लेकिन यह उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर कोई भी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं करता है
Adware उपयोगकर्ता के ब्राउज़र की सर्फिंग गतिविधि पर नजर रखता है जिससे पता चल सके कि उपयोगकर्ता को कौन सा विज्ञापन दिखाना है एडवेयर उपयोगकर्ता के किए गए ब्राउजर सर्च को उन वेब पेज पर redirect कर सकता है जिसमें बहुत सारे प्रोडक्ट विज्ञापन होते हैं यह कंप्यूटर के अलावा मोबाइल डिवाइस पर भी पाया जाता है

5-Ransomware:-

Ransomware एक तरह का एडवांस मैलवेयर है जो सबसे खतरनाक है इसे Scareware के नाम से भी जानते हैं यह मैलवेयर आपके कंप्यूटर या एंड्रॉयड डिवाइस की स्क्रीन को ब्लॉक कर सकता है तथा आपके devices की data, files  को इंक्रिप्ट करके उसे डिलीट करने की भी धमकी दे सकता है इसके बदले में कंप्यूटर उपयोगकर्ता को डरा धमका कर पैसे की फिरौती मांग सकता है
अधिकांश Ransomware ट्रोजन मैलवेयर की तरह दिखते हैं और यह सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से फैलते हैं Ransomware मैलवेयर का इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी करने या कंप्यूटर उपयोगकर्ता से पैसा लेने के लिए किया जाता है

6-Rootkits Malware:-

Rootkits Malware एक ऐसा malware है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया जाता है एक बार Rootkits malware किसी कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल हो गया तो वह उस कंप्यूटर का पूरा एक्सेस ले लेता है वर्तमान data ,files को बदलकर उन्हें नष्ट कर कर सॉफ्टवेयर को modify करने के साथ-साथ कंप्यूटर की अन्य जानकारी निकालने भी सक्षम हो जाता है

7-Backdoors:-

Backdoos अन्य मैलवेयर की तरह होते हैं यह कंप्यूटर पर एक बैक डोर खोलते हैं जिससे है hackers दूसरे मैलवेयर द्वारा कंप्यूटर में वायरस या Spam भेजने के लिए नेटवर्क कनेक्शन प्रदान कर सके Hacker किसी भी प्रकार के इनफेक्टेड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने या पूरे कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए बैक डोर मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं

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